Anam

लाइब्रेरी में जोड़ें

कबीर दास जी के दोहे


सुरति करौ मेरे साइयां, हम हैं भौजल माहिं
आपे ही बहि जाहिंगे, जौ नहिं पकरौ बाहिं।। 

अर्थ :

कबीरदास जी कहते हैं कि हे भगवान ! मुझे याद रखना। मैं इस सागर-रुपी जीवन में बह रहा हूँ और अगर आपका सहारा न मिला तो मैं अवश्य ही डूब जाऊंगा।

   1
0 Comments